‘त्याग और आदर्श के प्रतीक भगवान श्री राम’
त्याग और आदर्श के साक्षात स्वरुप भगवान् श्री राम का जीवन भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व के जनमानस को युगों से प्रेरित करता रहा है और करता रहेगा। त्रेता युग में चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी को शुभ पुनर्वसु नक्षत्र में कोशल राज्य की राजधानी अयोध्या में महाराज दशरथ की ज्येष्ठ रानी कौशिल्या देवी के गर्भ से साक्षात भगवान् विष्णु के सप्तम अवतार के रूप में भगवान् राम ने जन्म लिया।
राजपरिवार में अवतार लेने के पश्चात भी भगवन राम ने सम्पूर्ण जीवन साधारण रूप से जीते हुए जन कल्याण और जनाकांक्षाओं की पूर्ति को समर्पित कर दिया, भगवान् राम के त्याग ने ही उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बनाया, जिनके जीवन यात्रा और व्यक्तित्व में न केवल राजधर्म की शिक्षा निहित है वरन एक सामान्य प्राणी से लेकर एक तपस्वी तक, एक सैनिक से लेकर एक चक्रवर्ती राजा हेतु आदर्श भी समाहित है।
भारत में शासन व्यवस्था आदि काल से ही रामराज्य की कल्पना के साथ निर्मित की जाती रही है, रामराज की कल्पना महात्मा गांधी ने भी की थी, उन्होंने सच्ची मानव सेवा और निःस्वार्थ जन कल्याण और उत्तम न्याय व्यवस्था को रामराज का मुख्य अंग माना। भारत के संविधान के भाग -3 में भी मौलिक अधिकारों के उल्लेख से पूर्व भगवान् राम का माँ सीता और अनुज लक्ष्मण समेत चित्र – चित्रण भारत के संविधान और संविधान के रक्षकों को श्री राम के चरित्र, आदर्श, उनकी दयालुता और निष्पक्ष व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने के भाव को ध्यान रख अंकित किया गया है।
हमारे जीवन में हर पल प्रकाश और उर्जा प्रदान करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म स्थल ‘श्री राम जन्मभूमि’ भारत में आक्रांताओं के प्रकोप से नहीं बच पाया, जिस तरह संसार को आदर्श जीवन की राह दिखाने वाले प्रभु श्री राम की जन्मस्थल को पिछले 500 से अधिक बरस से तोड़ कर कभी अन्यधर्म स्थल के प्रतीक के रूप में, कभी विवादित भूमि के रूप में परिभाषित किया जाया रहा उस से देश और दुनिया में उनके भक्त और अनुयायियों की आत्मा लगातार चोटिल होती रही।
मेरे लिए यह परम गौरव की बात है कि मै उस राजनीतिक दल से जुड़ा हूँ, जिसने सैकड़ो साल पुराने आस्था और संस्कृति पर हुए इस आक्रमण के जख्म मिटाने का लम्बा जन आन्दोलन चलाया और जिसके लिए हमारे बहुत से कार्यकर्ताओं ने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया।
आज साक्षात प्रभु श्री राम की प्रेरणा और जन नायक श्री नरेन्द्र मोदी और यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों और दृढ संकल्पों के परिणामतः अयोध्या में भगवन राम की जन्मस्थली पर पुनः भव्य राम मंदिर निर्माणाधीन है, जल्द ही प्रभु राम के तीनो अनुजो समेत विग्रह यथास्थल पर भव्यतम रूप में विराजमान होंगे।
आज विश्व को भगवान् राम द्वारा दिखाए गये जीवन मार्ग पर चलने की और अधिक आवश्यकता है, तभी मानव कल्याण और विश्व बंधुत्व की भावना सुदृढ़ हो सकेगी, क्योकि त्याग का भाव ही मनुष्य को सर्वश्रेष्ट बनाता है।
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