ईडी में कार्यरत रहते हुए आपने देश में हुए तमाम बड़े वित्तीय घोटालों का पर्दाफाश किया और कई सफेदपोश अपराधियों को जेल का रास्ता दिखाया।
आपके द्वारा की गयी कुछ चर्चित जांचों में 2-G स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, ऑगस्टा, वेस्टलैंड चौपर डील, एयरसेल मक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, अब्लेज़ पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला आदि शामिल रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय में कार्य के दोरान आपने पी.एम.एल.ए. कानून के तहत देश के घोटालेबाज नेताओं, नौकरशाहों, बाहुबलियों और माफियाओं द्वारा अवैध कमाई से अर्जित लगभग 4000 करोड़ रूपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्तियां को जब्त किया और उन्हें जेल भेजा। साथ ही फेमा के तहत लगभग 20,000 करोड़ तक की चल-अचल संपत्ति से जुड़े मामलों में सम्बंधित व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस भेजा।
इन तमाम हाई प्रोफाइल जांचों के दौरान आपको डराने-धमकाने और जाँच से हटाने के तमाम कुचक्र रचे गए। आपके और आपके परिवार के खिलाफ सौ से ज्यादा झूठी शिकायतें भी दर्ज करवाई गयीं, लेकिन आप निडरता से अपने कर्तव्य पथ पर अडिग होकर चलते रहे।
उत्तर प्रदेश में करोड़ों रूपये के राजस्व नुकसान को होने से रोक कर प्रदेश में खुशहाली और विकास का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान दिया।।
आपने उत्तर प्रदेश में अनेक बाहुबली माफिया नेताओं जैसे – अतीक अहमद, मुख़्तार अंसारी, विजय मिश्र के खिलाफ करोड़ों रूपये की अवैध चल-अचल संपत्ति अर्जित किये जाने की जाँच के लिए धन – शोधन निवारण अधिनियम (पी.एम.एल.ए) के तहत मामले दर्ज किये, जिनकी जाँच तीव्रता से जारी है।
यूपी के माफिया और बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद पर ED ने शिकंजा कसा और मनी लॉड्रिंग केस में 8.14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। जमीन और बैंक खातों की राशि गैंगस्टर अहमद और उसके पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम दर्ज़ है। कार्रवाई लखनऊ के जोनल कार्यालय ने की।
प्रदेश की राजधानी को अपराधमुक्त करने के उद्देश्य से आपने अपराधियों के खिलाफ सख्त मुहीम चलायी और लगभग दो दर्ज़न से ज्यादा शातिर और वांटेड अपराधियों का एनकाउंटर किया। अनेक को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया।
कुछ हिस्ट्रीशिटर बदमाशों की लिस्ट में रतन सिंह, विजय मेनन, राका पासी, विवेक भट्ट, याजुवेंद्र उर्फ़ काला, राजेश चौहान, सुरेन्द्र सिंह, संतोष कुमार उर्फ़ बंदा बादशाह, विनोद पाल यादव, उजैर अहमद, डकैत जग्गा सरदार जैसे अनेक हार्डकोर क्रिमिनल आपके नेतृत्व में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए।
खूंखार अपराधी रतन सिंह के एनकाउंटर के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा वर्ष 2005 में पुलिस सेवा में वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार ‘राष्ट्रपति वीरता पदक’ से आपको सम्मानित किया गया।
आपने ज़िम्मेदारी से अपहरण और लूट के अनेक मामलों को सुलझाया, परिणामस्वरूप कई अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए और कई गिरफ्तार कर जेल भेजे गए।
लखनऊ के गोमती नगर में क्राइम ब्रांच की स्थापना की।