श्री नरेंद्र मोदी जी
किसी भी देश की छवि को आगे बनाने में वहां के राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका अहम होती है। लोकतंत्र में किसी देश में राष्ट्रपति तो कहीं प्रधानमंत्री सर्वेसर्वा होते हैं। भारत में बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने दम पर देश की छवि को अग्रणी मुकाम पर पहुंचाया है।
कोरोना काल में बेहतर प्रबंधन की बात हो या फिर देश की सीमाओं की रक्षा करने में चीन और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना हो, मोदी सरकार हर जगह नम्बर एक पर ही रही है।
पूरी दुनिया के हिन्दू और अन्य धर्म के लोग भारत में राम मंदिर निर्माण से बेहद प्रभावित हैं। लोगों का मानना है कि यदि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नहीं होते तो राम मंदिर का निर्माण एक सपना ही रह जाता।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार योजना, पीएम आयुष्मान भारत योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम गरीब आवास योजना जैसी अनगिनत योजनाएं देश में चलाई गई हैं, जिनके तहत गरीबों का कल्याण किया जा रहा है।
जब भाजपा सत्ता में आयी तो न केवल असंभव सा लगने वाला राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है, बल्कि अनगिनत मोर्चों पर भारत ने अपनी विजय का परचम लहराया है। फिर चाहे वह डिजिटलीकरण हो, कालेधन पर अंकुश लगाने की बात हो, सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेना हो अथवा अंतर्राष्ट्रीय फलक पर देश का नाम रोशन करना हो, मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने जिस सकारात्मकता के साथ हर कार्य को आगे बढ़ाया है, पूर्व की सरकारें ऐसा करने की कल्पना भी कभी नहीं कर पायी थीं।
श्री अमित शाह जी
कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व तक अगर आज देश की फ़िज़ा बदली-बदली सी है, तो इसका पूरा श्रेय गृह मंत्री अमित शाह जी को जाता है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बेहतर कर रहे थे, तब अमित शाह जी देश की उन समस्याओं पर अपना ध्यान फोकस किये हुए थे, जिनका हल आज़ादी के बाद से आज तक नहीं हो सका था। खासकर कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्य, जहां हर साल गोलीबारी में सैकड़ों लोगों की जान चली जाती थी। आज अपेक्षाकृत घटनाएं थम सी गयी हैं। इसके पीछे सारा श्रेय अमित शाह जी के संगठन कौशल और मेहनत को जाता है।
केंद्र में जब 2014 में मोदी सरकार आयी तो अमित शाह जी आसानी से मंत्री बन सकते थे, पर उस समय उन्होंने मंत्री पद लेने की बजाय संगठन में रहना उचित समझा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वह बने और अपनी संगठन क्षमता और मेहनत के बल पर एक-एक राज्य जीतकर भाजपा का विजय अभियान शुरू किया।
यह मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी की तिकड़ी थी, जिसने अयोध्या में राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया। अमित शाह जी ने पार्टी के अंदर कार्यकर्ता शक्ति को संगठित एवं प्रभावी बनाया है और भाजपा को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन होने का गौरव प्रदत्त कराया है। वे सदैव मूल्यों एवं राष्ट्रवाद की राजनीति को प्रोत्साहित करते हैं। उनके राजनीतिक कद एवं कौशल के सामने आज कोई नेता नहीं टिक सकता है।
श्री जे. पी. नड्डा जी
दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी के 11वें अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी देश के कद्दावर नेता है। श्री अमित शाह जी के गृह मंत्री बनने के बाद श्री नड्डा जी ने अध्यक्ष पद की उनकी विरासत को बखूबी सम्भाला और राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी अपने कन्धों पर ली।
श्री जेपी नड्डा जी को राजनीति में दशकों का अनुभव है। संघ से उनका जुड़ाव और स्वच्छ छवि उनकी ताकत है। जनता की समस्याओं और उनके हित से जुड़ी योजनाओं को लागू करवाने पर उनकी बारीक नज़र हमेशा रहती है। वे लोगों की समस्याओं को समझ कर एजेंडा सेट करते हैं और फिर उस पर आगे बढ़ते हैं। श्री नड्डा जी कहते हैं, ‘जनता जब नेता चुन कर भेजती है तो वह उसके विश्वास का कस्टोडियन होता है। नेता का फ़र्ज़ है कि वह अपनी जनता के विश्वास को संभाल कर रखे।
श्री योगी आदित्यनाथ जी
योगी जी सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं। वे सत्यनिष्ठ और राज्य के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित व्यक्ति हैं। वे ऐसे उत्कृठ व्यक्तित्व के स्वामी हैं, जो जनता के कल्याण के लिए खुद का बलिदान करने को तैयार रहते हैं। कोविड होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती ना होकर वे निरंतर लोगों के लिए काम करते रहे। उनके जीवन के साथ कुछ भी अनर्थ हो सकता था, मगर जनसेवा के आगे उन्होंने अपनी परवाह नहीं की। उनकी ये जिजीविषा दूसरों को प्रेरणा देती है।
पिछली सरकारों में जहां माफिया और अपराधी सत्ता का संरक्षण पाते थे, वहीं योगी जी ने अपराध-मुक्त प्रदेश के लिए न सिर्फ भाजपा के संकल्प पत्र के वादे को पूरा किया है, बल्कि उससे एक कदम आगे बढ़ कर भविष्य में भी माफियाओं और गुंडों के लिए उत्तर प्रदेश की राह बंद कर दी है। योगी जी ने कहा अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर।
श्री स्वतंत्र देव सिंह जी
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह को कड़ी मेहनत, संघर्षशील स्वभाव और सिद्धांतवादी विचारों के लिए जाना जाता है। उन्हें सत्ता और संगठन को साध कर चलने में महारत हासिल है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी आज जिन ऊंचाइयों पर खड़ी है उसमें स्वतंत्र देव सिंह जी की मेहनत, दिशानिर्देशन और योगदान अतुलनीय है। उनके नेतृत्व में पार्टी ना सिर्फ उत्तर प्रदेश में मजबूत हुई है, बल्कि संगठन कार्य में उन्होंने मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक सहित कई राज्यों में बड़ी पहचान कायम की है और पार्टी की जड़ों को मजबूत किया है।
राजनीति मूल्यों और सिद्धांतों पर चलने वाले श्री सिंह ने सदैव व्यक्तिवाद व क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ को मूल मंत्र माना और उसी के अनुरूप संगठन और पार्टी के कार्यों को गति दी। वे पिछड़ों के बड़े नेता हैं। पिछड़ी जातियों के उत्थान और प्रगति के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। इसी के साथ वे भाजपा के ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति पर काम करते हैं। भाजपा के कार्यकर्ता और संगठन में दायित्वधारी कार्यकर्ता के रूप में श्री स्वतंत्र देव सिंह जी ने सदैव ही राष्ट्रहित और जनहित को सर्वोपरि माना है।
पिता (स्वर्गीय) श्री रण बहादुर सिंह
श्री राजेश्वर सिंह के पिता श्री रण बहादुर सिंह भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस) में डी.आई.जी पद से सेवानिवृत हुए | वे हमेशा से अपने बच्चों के लिए प्रेरणा के पात्र बने रहे | अपने पूरे सेवा काल में इन्होने जिस प्रकार से सादगी के साथ ईमानदारी और निर्भीकता के साथ अपने पद का निर्वहन किया इससे श्री राजेश्वर सिंह अत्यंत ही प्रभावित हुए | जब भी राजेश्वर जी को किसी प्रकार की कठिनाइ व दुविधा की स्थिति का सामना करना पड़ता था तो वे स्वयं अपने पिता के मार्ग दर्शन से रास्ता निकालते थे | अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए श्री राजेश्वर सिंह ने प्रांतीय पुलिस अधिकारी के रूप में और बाद में ई.डी अधिकारी के रूप में वैसा ही सम्मान और रुतबा हासिल किया जो उनके पिता को प्राप्त था | अपने पूरे सेवाकाल में राजेश्वर सिंह बड़े फैसले लेने से कभी भी पीछे नहीं हटे, निर्भीकता का गुण उनहे विरासत में मिला है|