“AI का युग: भारत का युग है” मेरे विचारों में … Dr. Rajeshwar Singh

“Artificial Intelligence is not just a tool, it is the foundation of the next industrial revolution.”

हम ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ प्रौद्योगिकी केवल सुविधा नहीं रही, बल्कि राष्ट्रीय शक्ति और आत्मनिर्भरता की धुरी बन चुकी है। और इस परिवर्तन का नेतृत्व आज भारत कर रहा है, सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता बनकर।

 

भारत: AI का नया नेतृत्वकर्ता

आज जब दुनिया AI के भविष्य को लेकर चर्चा कर रही है, भारत उस भविष्य को रच रहा है। पिछले 8 वर्षों में हमारे AI workforce में 14 गुना वृद्धि दर्ज हुई है। Stanford AI Index 2024 के अनुसार, भारत का AI Skill Score – 2.8, अमेरिका (2.2) और जर्मनी (1.9) से भी अधिक है। Generative AI प्रोजेक्ट्स में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। हमारी 80% कंपनियां AI को प्राथमिकता देती हैं और 69% निकट भविष्य में निवेश का मन बना चुकी हैं। यह आंकड़े नहीं, भारत के आत्मविश्वास के प्रमाण हैं।

 

AI सिर्फ तकनीक नहीं, अर्थव्यवस्था का इंजन है

India Skills Report 2024 के अनुसार, भारत की AI इंडस्ट्री 2025 के अंत तक $28.8 बिलियन को छूने वाली है। आज भारत का AI बाजार 30-35% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है, यह विकास नहीं, तकनीकी क्रांति है।

 

नीति और शिक्षा: भारत सरकार का सशक्त हस्तक्षेप

इस परिवर्तन को केवल निजी क्षेत्र ही नहीं, सरकार भी नीति और शिक्षा के स्तर पर सशक्त बना रही है। AICTE के अनुसार, पिछले 4 वर्षों में B.Tech में AI विषय की सीटों में 16% की वृद्धि हुई है। 2024-25 तक इन सीटों की संख्या 14.9 लाख तक पहुँच चुकी है। IT मंत्रालय ने इंजीनियरिंग संस्थानों में AI प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल मूल्य वर्धन नहीं, मूल्य निर्माण की भूमिका में है।

 

उत्तर प्रदेश: भारत के AI Map में नई राजधानी

श्रद्धेय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भी अब AI की नई राजधानी बनने की ओर अग्रसर है: ₹100 करोड़ का प्रावधान कर AI Enabled Centres of Excellence का निर्माण। 184 पॉलिटेक्निक संस्थानों में AI प्रशिक्षण। प्रदेश की पहली AI City, सरोजनीनगर में 20 एकड़ में विकसित की जा रही है। यह केवल विकास नहीं बल्कि भविष्य के निर्माण की नींव है।

 

सरोजनीनगर: डिजिटल इंडिया का उभरता चेहरा

सरोजनीनगर में हमने यह सुनिश्चित किया कि Digital Bharat का प्रतिबिंब दिखे: 31 कॉलेजों में Digital Interactive Panels, 30 कॉलेजों में Digital Libraries, अब तक 14 रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केंद्र स्थापित, इन केंद्रों में हम युवाओं को MS Office, Tally, Video Editing, Graphic Designing जैसे रोजगार परक कार्यक्रमों का निशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध करवा रहे हैं, और अब… AI Tools और Futuristic Skills।

 

मेरा लक्ष्य:

सरोजनीनगर के 50,000 युवाओं को AI और Digital Skills में निःशुल्क प्रशिक्षित करना। यह केवल एक योजना नहीं बल्कि भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है।

 

भारत की राह अलग है: समाधान की राह

जब बाकी देश AI को एक संभावना मान रहे हैं, भारत उसे समाधान बना रहा है। AI अब केवल “Artificial Intelligence” नहीं रह गया —

AI अब है: Aspirational India, Advancing India और Aatmanirbhar India.

 

तकनीक के युग में आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ा सामर्थ्य है

AI का युग भारत के लिए केवल एक तकनीकी चुनौती नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक अवसर है। मैं सरोजनीनगर के हर युवा से कहना चाहता हूँ: “AI मात्र एक tool नहीं है, यह तुम्हारा मंच है, इस पर खड़े होकर तुम आने वाली सदी का भारत गढ़ सकते हो।” आइए, हम मिलकर इस परिवर्तन का हिस्सा बनें, सीखें, सशक्त बनें और भारत को तकनीकी नेतृत्व के शिखर पर पहुँचाएँ।

 

जय हिन्द! जय भारत!!